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माफ किया दिल ने नदी बढ़ती चलती धाराओं किया है कंकालों ने वार प्यार ख्वाब चाहत ने किया जादू नजरें मिलाऊं रहे जिन्दगानी इशारों पे

Hindi चलती नदी ने महफूज किया Poems